Showing posts with label UJWAL SANSKAAR. Show all posts
Showing posts with label UJWAL SANSKAAR. Show all posts

UJWAL SANSKAAR

बालक ही देश का असली धन है। वे भारत के भविष्य, विश्व के गौरव और अपने माता-पिता की शान हैं। वे देश के भावी नागरिक हैं और आगे चलकर उन्हीं के कंधों पर देश की स्वतंत्रता एवं संस्कृति की रक्षा तथा उनकी परिपुष्टि का भार पड़ने वाला है। बाल्यकाल के संस्कार एवं चरित्रनिर्माण ही मनुष्य के भावी जीवन की आधारशिला है।
हमारे देश के विद्यार्थियों में सुसंस्कार सिंचन हेतु, उनके विवेक को जागृत करने हेतु, उनके सुंदर भविष्य के निर्माण हेतु, उनके जीवन को स्वस्थ व सुखी बनाने हेतु श्रोत्रिय ब्रह्मनिष्ठ संत श्री आसाराम जी बापू के पावन प्रेरक मार्गदर्शन में देश-विदेश के विभिन्न भागों में 'बाल संस्कार केन्द्र' चलाये जा रहे हैं.
इन केन्द्रों में बालकों को सुसंस्कारित करने हेतु विभिन्न प्रयोग सिखाये जाते हैं। जिससे उनकी शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, नैतिक तथा आध्यात्मिक शक्तियों का विकास होता है और वे अपने कार्य में पूर्ण रूप से सफलता प्राप्त करने में सक्षम बन जाते हैं। यह भी कहा जा सकता है कि बच्चों के जीवन में सर्वांगीण विकास की कुंजियाँ प्रदान करता है पूज्यश्री AASHARAM JI BAPUकी कृपा-प्रसादी 'बाल संस्कार केन्द्र'

भारतीय मनोविज्ञान कितना यथार्थ !

पाश्चात्य मनोवैज्ञानिक डॉ. सिग्मंड फ्रायड स्वयं कई शारीरिक और मानसिक रोगों से ग्रस्त था। 'कोकीन' नाम की नशीली दवा का वो व...