मौन- मंत्रजप- उपवास- प्रार्थना

मौनः संवेदन, स्मृति, भावना, मनीषा, संकल्प व धारणा – ये मन की छः शक्तियाँ हैं। मौन व प्राणायाम से इन सुषुप्त शक्तियों का विकास होता है।

मंत्रजपः भगवान के नाम का जप सभी विकारों को मिटाकर दया, क्षमा, निष्कामता आदि दैवी गुणों को प्रकट करता है।

उपवासः (अति भुखमरी नहीं) उपवास से मन विषय-वासनाओं से उपराम होकर अंतर्मुख होने लगता है।"एकादशी व्रत पापनाशक तथा पुण्यदायी व्रत है। प्रत्येक व्यक्ति को माह में दो दिन उपवास करना चाहिए।" पूज्य बापू जी

प्रार्थनाः प्रार्थना से मानसिक तनाव दूर होकर मन हलका व प्रफुल्लित होता है। मन में विश्वास व निर्भयता आती है।
                                     " पूज्य बापू जी "

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