हिन्दू धर्म

Aaj se1500 saal pehle इस्लाम नही था।क्यों की मोहोम्मद जी से इस्लाम की शुरुवात हुई
2015 सालो पहले क्रिस्चियन नही थे। जीसस के बाद क्रिस्तानिटी चली।
लेकिन 5000 वर्ष पहले भगवान श्री कृष्ण आये।
उससे भी लाखो वर्ष पहले भगवान् श्री रामजी आये।  लगभग  आज से 9 लाख सालो पहले।
रामजी पैदा नही हुए; उससे भी पहले से राम का नाम लोग बच्चो को देते थे। उससे भी पहले कई अवतार हुए।
यानि के ये नाम कई वर्षो से चलता आ रहा है।
राम का मतलब जो रोम रोम में रम रहा है। संचार कर रहा है। चेतन्य। जिससे ये आँख देखती है। जिससे ये कान सुनते है। जिससे ये जीव्हा बोलती है। जिससे ये साँसे चलती है। शरीर में भूक लगती है। वो उर्जा का नाम है राम। उस परम आत्मा का नाम है राम।
हिन्दू धर्म कोई ऋषि मुनि अवतार पीर पैगम्बर या भगवान् के बेटे ने नही बनाया है। ये तो करोडो वर्षो से चलता आया है। और चलता रहेगा ।वास्तविक ये सनातन धर्म है। आक्रमणकारियो ने सिन्धु नदी के उस पार रहनेवाले इस लिए हिन्दू नाम दे दिया।
नहीं तो ये सनातन सत्य के मार्ग में चलनेवालो का धर्म है।
धर्म केवल यही है। बाकि तो पंथ; मत; मजहब ; रिलिजन हो सकते है। क्यों की धर्म शब्द हिन्दुओ के अलावा कोई भी संस्कृति में नही आता।धर्म के विरुद्ध सिर्फ अधर्म होता है। इसीलिए कई धर्म होने का सवाल ही नही होता।
या तो धर्म है ।या अधर्म।
जो धर्म के रास्ते चलेगा वो हिन्दू फिर चाहे कोई भी मत; पंथ ; मजहब ; रिलिजन का हो। उसके उलटे चलेगा तो निधर्मी ।
हिन्दू चाहे 33 करोड़ देवी देवताओ की पूजा करते  हो। पर सबमे परमात्मा है। और सबमे  एक ही ईश्वर है यही भावना रखते है।
अगर हम चाहे रोज एक देवी या देवता की पूजा करे।
अगर हम 100 साल जीते है।
तो 100× 365 दिन= 36500 दिन हम बस 36500 देवी देवताओ की पूजा कर सकते है।
यानि बाकिओ का क्या?
तुलसीदासजी कहते है।
ब्रह्मा आदिक जगत में पूज्य देव जो कोई।
सद् गुरु की पूजा किये सबकी पुजा होई।
यानि ब्रह्मा जी की बनाई इस अदि सृष्टी में कोई गुरु की पूजा करे तो सबकी पूजा ही जाती है।
साईं बाबा आये तो गुरु किया।
कृष्ण आये तो गुरु संदीपनी के द्वार गए।
राम जी के गुरु हुए श्री वशिस्ठ मुनि।
  शिवाजी महाराज के गुरु हुए समर्थ राम दास स्वामी।
मीरा के गुरु हुए रामदास मोची थे।
अपना गुरु तो आप ही खोजना पड़ता है।
और वो तो परीक्षा लेते है।
अगर तैय्यारी है तो खोज लो।

No comments:

Post a Comment

भारतीय मनोविज्ञान कितना यथार्थ !

पाश्चात्य मनोवैज्ञानिक डॉ. सिग्मंड फ्रायड स्वयं कई शारीरिक और मानसिक रोगों से ग्रस्त था। 'कोकीन' नाम की नशीली दवा का वो व...