पूज्य संत श्री आशाराम जी बापू के सत्संग में प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के उदगार...


"पूज्य बापूजी के भक्तीरस में डूबे हुए श्रोता भाई-बहनो ! मैं यहाँ पर पूज्य बापूजी का अभिनंदन करने आया हूँ ... उनका आर्शीवचन सुनने आया हूँ... भाषण देने या बकबक करने नहीं आया हूँ बकबक तो हम करते रहते हैं बापूजी का जैसा प्रवचन हैकथा-अमृत हैउस तकपहुँचने के लिये बड़ा परिश्रम करना पड़ता है मैंने पहले उनके दर्शन पानीपत में किये थे वहीं पर रात को पानीपत में पुण्य-प्रवचन समाप्त होते ही बापूजी कुटीर में जा रहे थेतब उन्होंने मुझे बुलाया  मैं भी उनके दर्शन और आशीर्वाद के लिये लालायित था संत-महात्माओं के दर्शन तभी होते हैंउनका सान्निध्य तभी मिलता है जब कोई पुण्य जागृत होता है इस जन्म में कोई पुण्य किया हो इसका मेरे पास कोई हिसाब तो नहीं है किन्तु जरुर यह पूर्वजन्म के पुण्यों का ही फल है जो बापूजी के दर्शन हुए उस दिन बापूजी ने जो कहावह अभी तक मेरे हृदय-पटल पर अंकित है देशभर की परिक्रमा करते हुए जन-जन के मन में अच्छे संस्कार जगानायह एक ऐसा परमराष्ट्रीय कर्तव्य हैजिसने हमारे देश को आज तक जीवित रखा है और इसके बल पर हम उज्जवल भविष्य का सपना देख रहे हैं... उस सपने को साकार करने की शक्ति-भक्ति एकत्र कर रहे हैं पूज्य बापूजी सारे देश में भ्रमण करके जागरण का शंख नाद कर रहे हैंसर्वधर्म-समभाव की शिक्षा दे रहे हैंसंस्कार दे रहे हैं तथा अच्छे और बुरे में भेद करना सिखा रहे हैं हमारी जो प्राचीन धरोहर थी और हम जिसे लगभग भुलाने का पाप कर बैठे थेबापूजी हमारी आँखो मे ज्ञान का अंजन लगाकर उसको फिर से हमारे सामने रख रहे हैं बापूजी ने कहा कि ईश्वर की कृपा से कण-कण में व्याप्त एक महान शक्ति के प्रभाव से जो कुछ घटित होता हैउसकी छानबीन और उस पर अनुसंधान करना चाहिए |


शुद्ध अन्तःकरण से निकली हुई प्रार्थना को प्रभु अस्वीकार नहीं करतेयह हमारा विश्वास होना चाहिए यदि अस्वीकार हो तो प्रभु को दोष देने के बजाय यह सोचना चाहिए कि क्या हमारे अंतःकरण में उतनी शुद्धि है जितनी होनी चाहिए शुद्धि का काम राजनीति नहीं कर सकतीअशुद्धि का काम भले कर सकती है पूज्य बापूजी ने कहा कि जीवन के व्यापार में से थोड़ा समय निकालकर सत्संग में आना चाहिए पूज्य बापूजी उज्जैन में थे तब मेरी जाने की बहुत इच्छा थी लेकिन कहते है कि दाने-दाने पर खाने वाले की मोहर होती हैवैसे ही संत-दर्शन के लिए भी कोई मुहूर्त होता है आज यह मुहूर्त आ गया है यह मेरा कुरूक्षेत्र है पूज्य बापूजी ने चुनाव जीतने का तरीका भी बता दिया है आज देश की दशा ठीक नहीं है बापूजी का प्रवचन सुनकर बड़ा बल मिला है हाल में हुए लोकसभा अधिवेशन के कारण थोड़ी-बहुत निराशा पैदा हुई थी किन्तु रात को लखनऊ में पुण्य-प्रवचन सुनते ही वह निराशा भी आज दूर हो गयी बापूजी ने मानव-जीवन के चरम लक्ष्य मुक्ति-शक्ति की प्राप्ति के लिये पुरुषार्थ चतुष्टयभक्ति के लिये सम्पूर्ण की भावना तथा ज्ञानभक्ति और कर्म तीनों का उल्लेख किया है भक्ति में अहंकार का कोई स्थान नहीं है ज्ञान अभिमान पैदा करता है भक्ति में पूर्ण समर्पण होता है १३ दिन के शासनकाल के बाद मैंने कहा :'मेरा जो कुछ हैतेरा है |' यह तो बापूजी की कृपा है कि श्रोता को वक्ता बना दिया और वक्ता को नीचे से ऊपर चढ़ा दिया जहाँ तक उपर चढ़ाया है वहाँ तक उपर बना रहूँ इसकी चिन्ता भी बापूजी को करनी पडेगी राजनीति की राह बडी रपटीली है | जब नेता गिरता है तो यह नहीं कहता कि मैं गिर गया बल्कि कहता है:'हर हर गंगे |' बापूजी के प्रवचन सुनकर बड़ा आनन्द आया मैं लोकसभा का सदस्य होने के नाते अपनी ओर से एवं लखनऊ की जनता कि ओर से बापूजी के चरणों मे विनम्र होकर नमन करना चाहता हूँ उनका आशीर्वाद हमें मिलता रहे, उनके आशीर्वाद से प्रेरणा पाकर बल प्राप्त करके हम कर्तव्य के पथ पर निरन्तर चलते हुए परम वैभव को प्राप्त करेंयही प्रभु से प्रार्थना है |
-श्री अटलबिहारी वाजपेयी,
प्रधानमंत्रीभारत सरकार

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