भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री चन्द्रशेखर, दिल्ली के स्वर्ण जयंती पार्क में २५ जुलाई १९९९ को बापूजी की अमृतवाणी का रसास्वादन करने के पश्चात बोले: "आज पूज्य बापू की दिव्य वाणी का लाभ लेकर मैं धन्य हो गया | संतों की वाणी ने हर युग मे नया संदेश दिया है, नयी प्रेरणा जगायी है | कलह, विद्रोह और द्वेष से ग्रस्त वर्तमान वातावरण में बापू जिस तरह सत्य, करुणा और संवेदनशीलता के संदेश का प्रसार कर रहे हैं, इसके लिये राष्ट्र उनका ॠणी है |"
-श्री चन्द्रशेखर,
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