सुबह रामायण में बताए ये 2 काम करने से होता है भाग्योदय :-

मित्रो मैने अपनी इस छोटी आयु मे सिर्फ दो लोगो को ही सफल होते देखा है।

१- जिनके सिर पर माता, पिता, गुरू ( डालर गुरू नही ) का आशीर्वाद है।

२ - जो अपने जीवन साथी के प्रति वफादार है' , व उसको सम्मान देते है'.

सुनु जननी सोइ सुत बड़भागी।।
जो पितु मात बचन अनुरागी।।
इस चौपाई का सार यही है
कि किस्मतवाला पुत्र वही होता है, जो हर
वक्त अपने माता-पिता से मधुर
वाणी बोलता है।
संकेत यही है कि आज के भौतिक युग में माता-
पिता और संतान में पैदा हो रही कटुता को खत्म
करने के लिए अहं को दूर कर प्रेम को स्थान दे
तो रिश्तों की पावनता और
गरिमा को जिंदा रखा जा सकेगा। अहं को दूर
करने के लिए संवाद या बोलचाल बेहतर शुरूआत
होती है, लेकिन सबसे जरूरी बात यह
हो कि माता-पिता से संवाद में विनम्रता,
स्नेह, सम्मान और मिठास हो। यही बातें उनके
दिलों को सबसे अधिक सुकून और तसल्ली देंगी।
इनके आगे बड़े से बड़ा भौतिक सुख भी कमतर
होता है। ऐसे रिश्ते व्यक्तिगत रूप से
भी मानसिक सुख और बेहतर ज़िंदगी का आनंद
देगे।

"प्रात:काल उठि कै रघुनाथ।
मात-पिता-गुरु नावइं माथा।।"

इस चौपाई में भगवान राम की माता-पिता और
गुरु के लिए गहरी आस्था और सम्मान का भाव
बताया गया। किंतु इसके जरिए व्यक्तित्व और
चरित्र निखारने का सूत्र है। इस चौपाई
का अर्थ केवल माता-पिता और गुरु को प्रणाम
करने की परंपरा निभाना ही नहीं है
बल्कि भाव यह है कि आप हमेशा ही माता-
पिता और गुरु (जिससे आपने कुछ सीखा या ज्ञान
लिया हो) के लिए पूरा सम्मान, प्रेम और
भरोसा रखें। इससे उनका आपके लिए भरोसा और
उम्मीदें बनी रहेगी। उनके चेहरे, नजरों और
शब्दों में पैदा हुए खुशी और आत्मीयता के भाव
खास तौर पर मुश्किल हालातों में आपका संबल
बनेंगे।
। हरि ॐ । 
पूज्य संत श्री आसाराम जी बापू

भारत और इंडिया में अंतर.....

भारत में गॉंव है, गली है, चौबारा है.
इंडिया में सिटी है, मॉल है, पंचतारा है.

भारत में घर है, चबूतरा है, दालान है.
इंडिया में फ्लैट और मकान है.

भारत में काका है, बाबा है, दादा है, दादी है.
इंडिया में अंकल आंटी की आबादी है.

भारत में खजूर है, जामुन है, आम है.
इंडिया में मैगी, पिज्जा, माजा का नकली आम है.

भारत में मटके है, दोने है, पत्तल है.
इंडिया में पोलिथीन, वाटर व वाईन की बोटल है.

भारत में गाय है, गोबर है, कंडे है.
इंडिया में सेहतनाशी चिकन बिरयानी अंडे है.

भारत में दूध है, दही है, लस्सी है.
इंडिया में खतरनाक विस्की, कोक, पेप्सी है.

भारत में रसोई है, आँगन है, तुलसी है.
इंडिया में रूम है, कमोड की कुर्सी है.

भारत में कथडी है, खटिया है, खर्राटे हैं.
इंडिया में बेड है, डनलप है और करवटें है.

भारत में मंदिर है, मंडप है, पंडाल है.
इंडिया में पब है, डिस्को है, हॉल है.

भारत में गीत है, संगीत है, रिदम है.
इंडिया में डान्स है, पॉप है, आईटम है.

भारत में बुआ है, मौसी है, बहन है.
इंडिया में सब के सब कजन है.

भारत में पीपल है, बरगद है, नीम है.
इंडिया में वाल पर पूरे सीन है.

भारत में आदर है, प्रेम है, सत्कार है.
इंडिया में स्वार्थ, नफरत है, दुत्कार है.

भारत में हजारों भाषा हैं, बोली है.
इंडिया में एक अंग्रेजी एक बडबोली है.

भारत सीधा है, सहज है, सरल है.
इंडिया धूर्त है, चालाक है, कुटिल है.

भारत में संतोष है, सुख है, चैन है.
इंडिया बदहवास, दुखी, बेचैन है.

क्योंकि …
भारत को देवों ने, वीरों ने रचाया है.
इंडिया को लालची, अंग्रेजों ने बसाया है....��

पेड मिडिया का झूठा आरोप

स्वामी केशवानंदजी
आरोप :- रेप
परिणाम :- 12 साल की सजा मे से 7 साल
इन्होंने भोगे ।
सच्चाई सामने आयी, तब इन्हे निर्दोष घोषित
किया गया ।
स्वामी नित्यानंदजी महाराज
आरोप :- रेप, अभिनेत्री के साथ अश्लील सीडि
12 अप्रैल 2010 को हिरासत मे लिये गये ।
परिणाम :- कथित सीडि फर्जी निकली ।
चैनल "स्टार विजय" को हाईकोर्ट ने आदेश
दिया कि
'स्वामी नित्यानंदजी महाराज के
प्रति माफीनामा प्रसारित करो'
जगद्गुरू कृपालुजी महाराज
आरोप :- 85 वर्ष की आयु मे मई 2007 में
त्रिनीदाद मे एक 22 साल की युवती के साथ रेप
का आरोप
परिणाम :- आरोप निराधार निकला
जब इन संतो पर आरोप लगाये जाते है
तब मीडिया बढा चढाकर खबरे उछालती है
और
निर्दोष साबित होने पर मीडिया चुप रहता है
ऐसा क्यों ?
जवाब दो ?
देखलो बिकाऊ मीडिया की सच्चाई उल्लु
की आँखो से देखने वाले लोग...
सावधान हो जाओ
भ्रामक प्रचारो से
भक्तों को बहकाया नहीं जाता ।
कदम रखते हैँ आगे
तो उनको लौटाया नहीँ जाता ।।
जय राम जी की

रोजमर्रा की 9 आदतों से सुधारें अपना घर : Modify your planets with nine everyday habits:

१) ::-->>
अगर आपको कहीं पर भी थूकने की आदत है तो यह निश्चित है
कि आपको यश, सम्मान अगर मुश्किल से मिल भी जाता है
तो कभी टिकेगा ही नहीं चाहे कुछ भी कर लें ! इससे बचने के लिए
wash basin में ही यह काम कर आया करें !
२) ::-->>
जिन लोगों को अपनी जूठी थाली या बर्तन वहीं उसी जगह पर
छोड़ने की आदत होती है उनको सफलता कभी भी स्थायी रूप से
नहीं मिलती ! बहुत मेहनत करनी पड़ती है और ऐसे लोग अच्छा नाम नहीं कमा पाते ! इनके आस पास काम करने वाले लोग इनसे जितना भी हो सके बात करने से भी बचते हैं !
अगर आप अपने जूठे बर्तनों को उठाकर उनकी सही जगह पर रख आते हैं या खुद ही साफ़ कर लेते हैं तो चन्द्रमा और शनि का आप
सम्मान करते हैं !
३) ::-->>
जब भी हमारे घर पर कोई भी बाहर से आये, चाहे मेहमान
हो या कोई काम करने वाला, उसे स्वच्छ पानी जरुर पिलाएं !
ऐसा करने से हम राहू का सम्मान करते हैं ! जो लोग बाहर से
आने वाले लोगों को स्वच्छ पानी हमेशा पिलाते हैं उनके घर में
कभी भी राहू का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता !
४) ::-->>
घर के पौधे आपके अपने परिवार के सदस्यों जैसे ही होते हैं, उन्हें
भी प्यार और थोड़ी देखभाल की जरुरत होती है ! जिस घर में
सुबह-शाम पौधों को पानी दिया जाता है तो हम बुध, सूर्य और
चन्द्रमा का सम्मान करते हुए परेशानियों से डटकर लड़ पाते हैं ! जो लोग नियमित रूप से पौधों को पानी देते हैं, उन लोगों को depression, anxiety जैसी परेशानियाँ जल्दी से नहीं
पकड़ पातीं !
५) ::-->>
अगर आप नहाने के बाद bathroom में अपने कपडे़ इधर-उधर फैंक आते हैं या फिर पूरे bathroom में पानी बिखेर कर आ
जाते हैं तो आपका चन्द्रमा किसी भी स्तिथि में आपको अच्छे
फल नहीं देगा और हमेशा बुरा परिणाम देगा ! आपके शारीर से
सारा ओज निकाल देगा, personality बिल्कुल भी attractive नहीं रहेगी और आप हमेशा dull-dull से दिखेंगे ! इसीलिए पानी को हमेशा निथारना चाहिए !
६) ::-->>
जो लोग बाहर से आकर अपने चप्पल, जूते, मोज़े इधर-उधर
फैंक देते हैं, उन्हें उनके शत्रु बड़ा परेशान करते हैं ! इससे बचने
के लिए अपने चप्पल-जूते करीने से लगाकर रखें, आपकी प्रतिष्ठा बनी रहेगी ।
७) ::-->>
उन लोगों का राहू और शनि खराब होगा, जो लोग जब भी
अपना बिस्तर छोड़ेंगे तो उनका बिस्तर हमेशा फैला हुआ होगा, सिलवटें ज्यादा होंगी, चादर कहीं, तकिया कहीं, कम्बल कहीं ?
उसपर ऐसे लोग अपने पुराने पहने हुए कपडे़ तक फैला कर
रखते हैं !  ऐसे लोगों की पूरी दिनचर्या कभी भी व्यवस्थित
नहीं रहती, जिसकी वजह से वे खुद भी परेशान रहते हैं और दूसरों को भी परेशान करते हैं ! इससे बचने के लिए उठते ही स्वयं अपना बिस्तर सही तरीके से लगायें और सब कुछ समेट दें !
८) ::-->>
पैरों की सफाई पर हम लोगों को हर वक्त ख़ास ध्यान देना चाहिए, जो कि हम में से बहुत सारे लोग भूल जाते हैं ! नहाते समय
अपने पैरों को अच्छी तरह से धोयें, कभी भी बाहर से आयें तो पांच मिनट रुक कर मुँह और पैर धोयें ! आप खुद यह पाएंगे कि आपका चिड़चिड़ापन कम होगा, दिमाग की शक्ति बढेगी और क्रोध
धीरे-धीरे कम होने लगेगा ।
९) ::-->>
ध्यान रखें, कभी भी खाली हाथ घर ना लौटें क्योंकि..
अधिकतर लोग शाॅप, ऑफिस या फैक्टरी से जब अपने घर
लौटते हैं तो अपनी व्यस्तता के कारण बिना कुछ लिए खाली हाथ
ही घर लौट आते हैं !
लेकिन आपने अक्सर हमारे घर के वृद्ध लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि कभी भी शाम को खाली हाथ घर नहीं लौटना चाहिए !क्योंकि हमारे शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि घर लौटते समय घर के बुज़ुर्गों या बच्चों के लिए कुछ न कुछ लेकर जाना चाहिए !
घर में कोई भी नई वस्तु आने पर बच्चे और बुजु़र्ग ही सबसे
ज्यादा खुश होते हैं !
कहीं-कहीं इस परम्परा में घर लौटते वक्त बच्चों के लिए मिठाई लाने के बारें में बताया गया है !बुजु़र्गों के आशीर्वाद से घर में सुख समृद्धि बढ़ने लगती है और जिस घर में बच्चे और वृद्ध खुश रहते हैं, उस घर में लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है !
ऐसा माना जाता है कि रोज़ खाली हाथ घर लौटने पर धीरे-धीरे
उस घर से लक्ष्मी चली जाती है और उस घर के सदस्यों में नकारात्मक या निराशा के भाव आने लगते हैं ! इसके विपरित घर लौटते समय कुछ न कुछ वस्तु लेकर आएं तो उससे घर में बरकत बनी रहती है ! उस घर में लक्ष्मी का वास होता जाता है ! हर रोज घर में कुछ न कुछ लेकर आना वृद्धि का सूचक माना गया है !
ऐसे घर में सुख, समृद्धि और धन हमेशा बढ़ता जाता है और घर
में रहने वाले सदस्यों की भी तरक्की होती है ।

काश भारत की सरकारें भारतीय संस्कृति की महानता को समझ पाती !!!

एक बार स्वामी विवेकानंद जी विदेश की सबसे बडी लाईब्रेरी में गये उस लाईब्रेरी के चीफ ने उनका बडे उत्साह से स्वागत किया ।

स्वामी विवेकानंद जी ने पूछा आपके यहाँ सबसे श्रेष्ठ ग्रंथ जो हो मैं वो ही पढना चाहता हूँ ।

वो व्यक्ति स्वामी जी को अपने साथ लेकर गया बडे बडे कमरों को लाँघता हुआ वो एक बडे ही भव्य कमरे में पहुँचा उस कमरे के बडे लौकर में बडी ही सेफ्टी लोक्स के अंदर एक सोने के बोक्स में रेशम के कपडे से लिपटा एक ग्रंथ निकालकर स्वामी जी के हाथ में दिया ।

स्वामी विवेकानंद जी की आँखों में आँसू आ गये क्योंकि वो ग्रंथ था श्रीमदभगवदगीता । कितना सम्मान, कितना आदर भारतीय सदग्रंथ का क्योंकी भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन और महान संस्कृति है उस लाईब्रेरी के चीफ ने कहा स्वामी जी ये ग्रंथ सारे विश्व को एक सूत्र में जीना सिखाता है सबको बिना किसी जातपात के मिलकर रहना सिखाता है इसलिए हम हमारे देश में इस ग्रंथ को प्राथमिकता देते हैं ।

आज ब्रिटेन, अमेरिका, न्यजर्सी, आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, थाईलैंड के जैसे कई देशों के स्कूलों में आज भगवदॆगीता, संस्कृत भाषा पढाई जाती है ये कम्पलसरी सब्जैक्ट बन चुका है वहाँ ।
आपको मेरी बात पर यकीन नहीं हो तो देखिये ये विडियो जरूर कैसे अंग्रेज बच्चे जिनसे संस्कृत शुद्ध बोली भी नहीं जाती अपने स्कूलों में संस्कृत के श्लोकों का पाठ करते हैं ।

https://www.youtube.com/watch?v=F4kdjHFBvd4

https://www.youtube.com/watch?v=AsY3NVrviiw

पर बडे दुख के साथ कहना पडता है के भारतीय ग्रंथों और भारतीय संतों की महिमा भारत की सरकार आज भी नहीं समझ पायी है । धन्य है वो लोग जो भारतीय संस्कृति और संतों को समझ पाते हैं और उनका आदर करते हैं ........

पेड मिडिया का झूठा आरोप

स्वामी केशवानंदजी
आरोप :- रेप
परिणाम :- 12 साल की सजा मे से 7 साल
इन्होंने भोगे ।
सच्चाई सामने आयी, तब इन्हे निर्दोष घोषित
किया गया ।
स्वामी नित्यानंदजी महाराज
आरोप :- रेप, अभिनेत्री के साथ अश्लील सीडि
12 अप्रैल 2010 को हिरासत मे लिये गये ।
परिणाम :- कथित सीडि फर्जी निकली ।
चैनल "स्टार विजय" को हाईकोर्ट ने आदेश
दिया कि
'स्वामी नित्यानंदजी महाराज के
प्रति माफीनामा प्रसारित करो'
जगद्गुरू कृपालुजी महाराज
आरोप :- 85 वर्ष की आयु मे मई 2007 में
त्रिनीदाद मे एक 22 साल की युवती के साथ रेप
का आरोप
परिणाम :- आरोप निराधार निकला
जब इन संतो पर आरोप लगाये जाते है
तब मीडिया बढा चढाकर खबरे उछालती है
और
निर्दोष साबित होने पर मीडिया चुप रहता है
ऐसा क्यों ?
जवाब दो ?
देखलो बिकाऊ मीडिया की सच्चाई उल्लु
की आँखो से देखने वाले लोग...
सावधान हो जाओ
भ्रामक प्रचारो से
भक्तों को बहकाया नहीं जाता ।
कदम रखते हैँ आगे
तो उनको लौटाया नहीँ जाता ।।
जय राम जी की

दांत दर्द


दांत दर्द कई कारणों से होता है मसलन किसी तरह के संक्रमण से या डाईबिटिज की वजह से या ठीक ढंग से दांतों की साफ सफाई नहीं करते रहने से। यूँ तो दांत दर्द के लिए कुछ ऐलोपैथिक दवाइयां होती हैं लेकिन उनके बहुत हीं कुप्रभाव होते हैं जिसकी वजह से लोग चाहते हैं की कुछ घरेलू उपचार से इसे ठीक कर लिया जाये। अगर आप भी दांत दर्द से परेशान है एवं इसके उपचार के लिए प्रभावकारी घरेलू उपाय चाहते हैं तो नीचे दिए गए उपायों पर अमल करें।

हींग - जब भी दांत दर्द के घरेलू उपचार की बात की जाती है, हींग का नाम सबसे पहले आता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह दांत दर्द से तुरंत मुक्ति देता है। इसका इस्तेमाल करना भी बेहद आसन है। आपको चुटकी भर हींग को मौसम्मी के रस में मिलाकर उसे रुई में लेकर अपने दर्द करने वाले दांत के पास रखना है। चूँकि हींग लगभग हर घर में पाया जाता है इसलिए दांत दर्द के लिए यह उपाय बहुत सुलभ, सरल एवं कारगर माना जाता है।

लौंग -- लौंग में औषधीय गुण होते हैं जो बैकटीरिया एवं अन्य कीटाणु (जर्म्स, जीवाणु) का नाश करते हैं। चूँकि दांत दर्द का मुख्य कारण बैकटीरिया एवं अन्य कीटाणु का पनपना होता है इसलिए लौंग के उपयोग से बैकटीरिया एवं अन्य कीटाणु का नाश होता है जिससे दांत दर्द गायब होने लगता है। घरेलू उपचार में लौंग को उस दांत के पास रखा जाता है जिसमें दर्द होता है। लेकिन दर्द कम होने की प्रक्रिया थोड़ी धीमी होती है इसलिए इसमें धैर्य की जरुरत होती है।

प्याज -- प्याज (कांदा ) दांत दर्द के लिए एक उत्तम घरेलू उपचार है। जो व्यक्ति रोजाना कच्चा प्याज खाते हैं उन्हें दांत दर्द की शिकायत होने की संभावना कम रहती है क्योंकि प्याज में कुछ ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो मुंह के जर्म्स, जीवाणु एवं बैकटीरिया को नष्ट कर देते हैं। अगर आपके दांत में दर्द है तो प्याज के टुकड़े को दांत के पास रखें अथवा प्याज चबाएं। ऐसा करने के कुछ हीं देर बाद आपको आराम महसूस होने लगेगा।

लहसुन -- लहसुन भी दांत दर्द में बहुत आराम पहुंचाता है। असल में लहसुन में एंटीबायोटिक गुण पाए जाते हैं जो अनेकों प्रकार के संक्रमण से लड़ने की क्षमता रखते हैं। अगर आपका दांत दर्द किसी प्रकार के संक्रमण की वजह से होगा तो लहसुन उस संक्रमण को दूर कर देगा जिससे आपका दांत दर्द भी ठीक हो जायेगा। इसके लिए आप लहसुन की दो तीन कली को कच्चा चबा जायें। आप चाहें तो लहसुन को काट कर या पीस कर अपने दर्द करते हुए दांत के पास रख सकते हैं। लहसुन में एलीसिन होता है जो दांत के पास के बैकटीरिया, जर्म्स, जीवाणु इत्यादि को नष्ट कर देता है। लेकिन लहसुन को काटने या पीसने के बाद तुरंत इस्तेमाल कर लें। ज्यादा देर खुले में रहने देने से एलीसिन उड़ जाता है जिससे बगैर आपको ज्यादा फायदा नहीं होता।

गरारे (गार्गल) करें
गरारे भी दांत दर्द दूर करने का एक अति उत्तम घरेलू उपाय है। हल्के गर्म पानी में एक चम्मच नमक डालकर गरारे करें। ऐसे नमकीन पानी से दिन में दो चार बार कुल्ला किया करें। नमक के संपर्क में आने के बाद मुंह के जर्म्स, जीवाणु एवं बैकटीरिया नष्ट हो जाते हैं जिसकी वजह से आपको दर्द से तुरंत राहत मिलती है।
सलाह
जब दांत दर्द हो तब मीठे पदार्थ खाने या पीने से परहेज करें क्योंकि ये बैकटीरिया, जर्म्स, जीवाणु इत्यादि को और बढ़ावा देते है जिनसे आपकी तकलीफ और बढती है ।

मौन- मंत्रजप- उपवास- प्रार्थना

मौनः संवेदन, स्मृति, भावना, मनीषा, संकल्प व धारणा – ये मन की छः शक्तियाँ हैं। मौन व प्राणायाम से इन सुषुप्त शक्तियों का विकास होता है।

मंत्रजपः भगवान के नाम का जप सभी विकारों को मिटाकर दया, क्षमा, निष्कामता आदि दैवी गुणों को प्रकट करता है।

उपवासः (अति भुखमरी नहीं) उपवास से मन विषय-वासनाओं से उपराम होकर अंतर्मुख होने लगता है।"एकादशी व्रत पापनाशक तथा पुण्यदायी व्रत है। प्रत्येक व्यक्ति को माह में दो दिन उपवास करना चाहिए।" पूज्य बापू जी

प्रार्थनाः प्रार्थना से मानसिक तनाव दूर होकर मन हलका व प्रफुल्लित होता है। मन में विश्वास व निर्भयता आती है।
                                     " पूज्य बापू जी "

हार्ट-अटैक का खतरा रहेगा कौसों दूर...

गर खाने में होभोजन में अनेक ऐसी वस्तुएं हैं, जिन्हें प्रतिदिन प्रयोग करके हृदयरोग व हृदयाघात से बचा जा सकता है।आइये जानते हैं कुछ ऐसी ही घरेलू चीजों के विषय में जिनका सही तरीके से नियमित प्रयोग आपको दिल से जुड़े हर खतरे से महफूज रखता है-
1. प्याज-इसका प्रयोग सलाद के रूप में कर सकते हैं। इसके प्रयोग से रक्त का प्रवाह ठीक रहता है। कमजोर हृदय होने पर जिनको घबराहट होती है या हृदय की धड़कन बढ़ जाती है उनके लिए प्याज बहुत ही लाभदायक है।
2. टमाटर-इसमें विटामिन सी, बीटाकेरोटीन, लाइकोपीन, विटामिन ए व पोटेशियम प्रचूर मात्रा में पाया जाता है जिससे दिल की बीमारी का खतरा कम हो जाता है।
3. लौकी-इसे घिया भी कहते हैं। इसके प्रयोग से कोलेस्ट्रॉल का स्तर सामान्य अवस्था में आना शुरू हो जाता है। ताजी लौकी का रस निकालकर पोदीना पत्ती-4 व तुलसी के 2 पत्ते डालकर दिन मेंदो बार पीना चाहिए।
4. लहसुन-भोजन में इसका प्रयोग करें। खाली पेट सुबह के समय दो कलियां पानी के साथ भी निगलने से फायदा मिलता है।
5.गाजर-बढ़ी हुई धड़कन को कम करने के लिए गाजर बहुत ही लाभदायक है। गाजर का रस पीएं, सब्जी खाएं व सलाद के रूप में प्रयोग करें।(समस्त प्रकार के हृदयरोग,कोलेस्ट्रोल,हार्ट-अटैकव नस-नाडियों के अवरोध,हृदय की धडकन हेतु अच्युताय हृदयसुधा सिरप विशेष लाभदायक है

गर्मी दूर भगाने के 11 तरीके, इनमें से एक भी अपना लेंगे तो बहुत ठंडक मिलेगी -


गर्मी के मौसम में दस्त, उल्टी और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं ज्यादा होती हैं।

पसीना ज्यादा आने से कई बार थकान भी होती है। ऐसे में कमजोरी महसूस होने लगती है।

गर्मी से होने वाली इन समस्याओं से बचने के लिए सही पेय पदार्थ लेना बहुत जरूरी है।

शरीर में ठंडक बनी रहती है तो स्वास्थ्य ठीक रहता है और गर्मी के कारण होने वाली ये कॉमन प्रॉब्लम्स परेशान नहीं करती हैं।

चलिए, आज जानते हैं गर्मी दूर भगाने वाली कुछ ऐसी ही घरेलू देसी शर्बतों के बारे में, जिन्हें पीने से शरीर को जबरदस्त ठंडक मिलेगी। साथ ही, गर्मी के कारण होने वाली हेल्थ प्रॉब्लम्स दूर रहेंगी।

नींबू पानी-
नींबू पानी गर्मी के मौसम का एक देसी टॉनिक है। बॉडी में विटामिन सी की मात्रा कम हो जाए तो एनीमिया, जोड़ों का दर्द, दांतों की बीमारी, पायरिया, खांसी और दमा जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।

नींबू में विटामिन सी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इसलिए इन बीमारियों से दूरी बनाने में यह आपकी मदद करता है। पेट खराब, पेट फूलना, कब्ज, दस्त होने पर नींबू के रस में थोड़ी-सी अजवाइन, जीरा, हींग, काली मिर्च और नमक मिलाकर पीने से काफी राहत मिलती है।

तरबूज का रस-
तरबूज के रस से एसिडिटी खत्म हो जाती है। तरबूज का रस पीने से लू नहीं लगती है। यह दिल के रोगों, डायबिटीज व कैंसर से शरीर की रक्षा करता है।

पुदीने का शर्बत-
गर्मी में पुदीना बेहद फायदेमंद होता है। पुदीने को पीसकर उसमें स्वाद अनुसार नमक, जीरा व चीनी मिलाएं। इसे पीने से लू, बुखार, जलन, उल्टी व गैस जैसी समस्याओं में काफी लाभ होता है।

ठंडाई-
गर्मी में ठंडाई शरीर के लिए बहुत लाभदायक होती है। इसे बनाने के लिए खसखस और बादाम रात को भिगो दें। सुबह इन्हें मिक्सर में पीसकर ठंडे दूध में मिलाएं व स्वादानुसार चीनी डालकर पिएं। गर्मी दूर हो जाएगी।

गन्ने का रस-
गर्मी में गन्ने का रस सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। इसमें विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं। इसे पीने से ताजगी बनी रहती है। लू से बचाव होता है। बुखार होने पर गन्ने का सेवन करने से बुखार जल्दी उतर जाता है।एसिडिटी के कारण होने वाली जलन में भी गन्ने का रस लाभदायक होता है।

गन्ने के रस का सेवन यदि नींबू के रस के साथ किया जाए तो पीलिया जल्दी ठीक हो जाता है। गन्ने के रस में ज्यादा बर्फ मिलाकर नहीं पीना चाहिए, सिर्फ रस पीना ज्यादा फायदेमंद है।

छाछ-
गर्मी में छाछ का सेवन ठंडक देने वाला होता है। आयुर्वेद के अनुसार गर्मी में खाने के बाद छाछ पीने के अनेक फायदे हैं। छाछ में पुदीना, काला नमक और जीरा मिलाकर पीने से गैस व एसिडिटी की समस्या परेशान नहीं करती है।

खस का शर्बत-
गर्मी में खस के शर्बत का सेवन बहुत ठंडक देने वाला होता है। इसका शर्बत पीने से दिमाग को ठंडक मिलती है।
खस का शर्बत बनाने के लिए खस धोकर सुखा लें। उसके बाद इसे पानी में उबालेंं और स्वादानुसार चीनी मिलाएं। छानकर ठंडा कर लें। इसमें थोड़ा खाने वाला हरा रंग मिलाकर बोतल में भर लें।

सत्तू -
सत्तू भुने हुए चना, जौ और गेहूं को पीसकर बनाया जाता है। बिहार में यह काफी लोकप्रिय है। सत्तू पेट की गर्मी दूर करता है। कुछ लोग इसमें चीनी मिलाकर तो कुछ नमक व मसाले मिलाकर खाते हैं।

आम पना-
कच्चे आम को पानी में उबालकर इसका पल्प निकाल लें। उसमें चीनी, धनिया, पुदीना, नमक और भुना हुआ जीरा मिलाकर पिएं। गर्मी से होने वाले रोग दूर ही रहेंगे।

बेल का जूस-
गर्मी में बेल के फलों का जूस बहुत फायदेमंद होता है। गर्मी के कारण होने वाली बीमारियां जैसे डायरिया, लू लगना, शरीर में गर्मी बढऩा आदि समस्याओं में बेल का जूस रामबाण है।

ताजे फलों का रस-
गर्मी में ताजे फलों का रस बनाकर पीने से भी सेहत बन जाती है। पाइन एप्पल, मैंगो, मौसमी और संतरे जैसे फलों का रस न सिर्फ एनर्जी देता है, बल्कि गर्मी के कारण होने वाली बीमारियों को भी दूर कर देता है।

भारतीय मनोविज्ञान कितना यथार्थ !

पाश्चात्य मनोवैज्ञानिक डॉ. सिग्मंड फ्रायड स्वयं कई शारीरिक और मानसिक रोगों से ग्रस्त था। 'कोकीन' नाम की नशीली दवा का वो व...