Exposed Indian media, truth of indian media, health tips, good accompaniment, satsang, news that is not shown in the media, talk of sacrament
भारतीय मनोविज्ञान कितना यथार्थ !
ब्रह्मचर्य का रहस्य
एक बार ऋषि दयानंद से किसी ने पूछाः "आपको कामदेव सताता है या नहीं ?"
उन्होंने उत्तर दियाः "हाँ वह आता है, परन्तु उसे मेरे मकान के बाहर ही खड़े रहना पड़ता है क्योंकि वह मुझे कभी खाली ही नहीं पाता।"
ऋषि दयानंद कार्य में इतने व्यस्त रहते थे कि उन्हें सामान्य बातों के लिए फुर्सत ही नहीं थी। यही उनके ब्रह्मचर्य का रहस्य था।
हे युवानों ! अपने जीवन का एक क्षण भी व्यर्थ न गँवाओ। स्वयं को किसी-न-किसी दिव्य सत्प्रवृत्ति में संलग्न रखो। व्यस्त रहने की आदत डालो। खाली दिमाग शैतान का घर। निठल्ले व्यक्ति को ही विकार अधिक सताते हैं। आप अपने विचारों को पवित्र, सात्त्विक व उच्च बनाओ। विचारों की उच्चता बढ़ाकर आप अपनी आंतरिक दशा को परिवर्तित कर सकते हो। उच्च व सात्त्विक विचारों के रहते हुए राजसी व हलके विचारों व कर्मों की दाल नहीं गलेगी। सात्त्विक व पवित्र विचार ही ब्रह्मचर्य का आधार है।
ब्रह्मचर्य का अर्थ
मुस्लिम महिला को प्राणदान
हम सबको भक्त बनने की ताकत मिले
धरती तो बापूजी जैसे संतों के कारण टिकी है
पूज्य बापू जीवन को सुखमय बनाने का मार्ग बता रहे हैं
सत्संग-श्रवण से मेरे हृदय की सफाई हो गयी...
राष्ट्र उनका ॠणी है
परम पूज्य संत श्री आसारामजी बापू के कृपा-प्रसाद से परिप्लावित हृदयों के उदगार
पूज्य संत श्री आशाराम जी बापू के सत्संग में प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के उदगार...
UJWAL SANSKAAR
कर्म कैसे करें?
ग्रीष्मऋतु में क्या खाये क्या नहीं
वसन्त ऋतु में क्या खाये क्या नहीं
छिपकली, मक्खी, चिंटी, खटमल, चूहों, मच्छरो और कॉकरोच से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय
1. कॉकरोच इस उपाय के डर से घबराये :
खाली कॉलिन स्प्रे की बोटल में नहाने वाली साबुन का घोल भर लें । कॉकरोच दिखने पर उनके ऊपर इसका स्प्रे कर दें । साबुन का यह घोल कॉकरोच को मार देता है । रात के समय सोने से पहले वॉशबेसिन आदि के पाईप के पास भी इस घोल का अच्छी मात्रा में स्प्रे कर देना चाहिये ऐसा करने से कॉकरोच नाली के रास्ते घर में अंदर नही घुस पायेंगे।
2. चींटी नही आयेगी घर मे :
चींटी अगर घर में एक जगह बना लेती हैं तो जगह जगह से निकलने लगती हैं। चींटी के रास्ते बंद करने का सबसे अच्छा उपाय यह है कि उनके निकलने की जगह पर एक दो स्लाईस कड़वे खीरे के रख दें। कड़वे खीरे की महक से चींटी दूर भागती हैं और जब उनके निकलने की जगह पर ही यह स्लाईस रखा होगा तो वे निकलेंगी ही नहीं।
चींटियों के बिल के मुहाने पर लौंग फँसा कर रखदेने से चींटियॉ उस रास्ते का प्रयोग करना ही बंद कर देती हैं ।
3. मक्खियाँ निकट भी ना आये :
घर में उड़ने वाली मक्खियों से मुक्ति पाने के लिये नीम्बू का इस्तेमाल करना चाहिये । नीम्बू मक्खियों को दूर करने का बहुत कारगर उपाय है । घर में पोछा लगाते समय पानी में 2-3 नीम्बू का रस निचोड़ देना चाहिये । नीम्बू की महक से कई घण्टे तक मक्खियॉ दूर रहती हैं और घर में ताजगी का भी अहसास होता रहता है ।
4. मच्छर को भगाये :
मच्छर भगाने के लिये कमरे मे नीम के तेल का दीपक सावधानी के साथ जलायें इसके अलावा ऑलआउट की खाली बोतल में भी नीम का तेल भरकर मशीन में लगाकर प्रयोग किया जा सकता है । जो कि पूरी तरह सुरक्षित है ।
6. घरेलु कीटों के इंफेक्शन से बचाव :
घर से सभी तरह के इंफेक्शन को खत्म करने के लिये आम की सूखी टहनी पर कपूर और हल्दी पाउडर डालकर सुलगाना चाहिये। लगभग 12 इंच लम्बी टहनी को जलाना पर्याप्त होता है ।
7. चूहे से छुटकारा :
पुदीना :
पुदीना यदि चूहे ने पूरे घर में आतंक सा फैला दिया है तो आप इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए पुदीने की पत्ती या फूल को लेकर कूट लें और इसे चूहे के बिल के पास या आने वाली जगहों के पास रख दें। इसकी गंध को पाकर चूहे तुरंत ही भाग जायेगें।
तेज़ पत्ता :
वैसे तो तेज पत्ते को चावल यां सब्जी में डाला जाता है लेकिन चूहे भगाने के लिए भी यह कारगर साबित होता है।
लाल मिर्च :
लाल मिर्च खाने में प्रयोग होने वाली लाल मिर्च चूहों को भगाने के लिए काफी कारगर है। जहां से चूहें ज्यादा आते है वहां पर लालमिर्च का पाउडर डाल दें इतना करने से चूहें घर में नहीं घर से बाहर जाते दिखेंगे।
फिनाइल की गोलियां :
फिनाइल की गोलियों को कपड़ों में रखकर चूहों से बचाया जा सकता है। इस तरह से चूहें घर में भी नहीं आएंगे।
इंसानों के बाल :
चूहों को घर से भगाने का सबसे असान तरीका है इंसानों के बाल। आप जानकर भले ही आपको आश्चर्य होगा पर चूहों को भगाने का यह सबसे सही तरीका है क्योंकि इंसानों के बाल से चूहे भागते हैं। क्योंकि इसको निगलने से इनकी मौत हो जाती है इसलिए इसके नजदीक आने से ये काफी डरते है।
प्याज :
घर की सफाई के बाद भी, चूहों से परेशान हैं ,चूहे प्याज की गंध बिल्कुल पसंद नहीं करते। चूहे प्याज से बहुत दूर भागते हैं प्याज के टुकड़े वहाँ रखें जहां से चूहों आपके घर में आते हैं।
छिपकली नज़र भी ना आये :
अंडे के छिलके :
छिपकलियाँ अंडे के छिलकों की गंध से दूर भागती हैं। दरवाजों तथा खिड़कियों और घर में एनी स्थानों पर अंडे के छिलके रख देने से छिपकली घर के अंदर नहीं घुसती।
लहसुन :
छिपकली लहसुन की गंध से भी दूर भागती हैं। छिपकलियों को घर से दूर रखने के लिए घर में लहसुन की कलियाँ टांगें या घर में लहसुन के रस का छिडकाव करें।
कॉफ़ी और तंबाकू की छोटी गोलियाँ :
कॉफ़ी तथा तंबाकू के पाउडर की छोटी छोटी गोलियाँ बनायें तथा इन्हें माचिस की तीली या टूथपिक पर चिपका दें। इन्हें अलमारियों में या ऐसे स्थान पर रख दें जहाँ छिपकली अक्सर दिखाई देती है।
औषधीय गुणों से भरपूर व विविध रोगों में लाभदायी तोरई
तोरई पथ्यकर (स्वास्थ्य के लिए हितकर), औषधीय गुणों से युक्त व स्वादिष्ट सब्जी है । आयुर्वेद के अनुसार यह स्निग्ध, शीतल, भूखवर्धक, मल-मूत्र को साफ लाने में सहायक व कृमिनाशक होती है । यह पित्त-विकृति को दूर करती है फिर भी कफवर्धक नहीं है । उष्ण प्रकृतिवालों के लिए एवं पित्तजन्य व्याधियों तथा सूजाक (gonorrhoea), बवासीर, पेशाब में खून आना, नकसीर, रक्तपित्त, दमा, खाँसी, बुखार एवं बुखार के बाद आयी हुई कमजोरी, कृमि, अरुचि, पीलिया आदि में यह विशेष पथ्यकर है । यह शरीर में तरावट लाती है तथा रोगों से बचाती है ।
आधुनिक अनुसंधान के अनुसार तोरई में विटामिन ‘बी’ व ‘सी’ एवं मैग्नेशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, जिंक, लौह तत्त्व, रेशे (fibres), बीटा केरोटिन और थायमीन प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं । तोरई शुक्रधातु की क्षीणता से दुर्बल हुए व्यक्ति, श्रमजीवी व बालकों को विशेष शक्ति प्रदान करनेवाली है । इसका सेवन कम-से-कम मसाले डालकर सब्जी, सूप बना के अथवा दाल के साथ पका के हफ्ते में 2-3 बार करना चाहिए ।
इसमें जीवाणुरोधी गुण पाये जाते हैं । इसका आहार में समावेश करने से आमाशय-अल्सर (gastric ulcer) से रक्षा होती है । यह हड्डियों को मजबूत करने में सहायक है ।
तोरई के सेवन से होनेवाले लाभ
(1) इसमें पाया जानेवाला बीटा केरोटिन नेत्रज्योति बढ़ाने में सहायक है ।
(2) यह रक्तशुद्धि करने तथा यकृत (Liver) के स्वास्थ्य को सुधारने में भी फायदेमंद है ।
(3) तोरई में रेशे होने के कारण जिन लोगों को पाचनतंत्र के विकार रहते हों उनके लिए इसका सेवन अधिक लाभप्रद है । जिन्हें कब्ज की शिकायत रहती हो उन्हें शाम के भोजन में तोरई की रसदार सब्जी खानी चाहिए । पाचन में सुधार होने के कारण तोरई के सेवन से त्वचा में निखार आता है ।
(4) घी में जीरे का छौंक लगाकर धनिया डाल के बनायी गयी तोरई की सब्जी खाने से नकसीर, रक्तपित्त, बवासीर तथा शरीर व पेशाब में होनेवाली जलन में लाभ होता है ।
(5) तोरई शराब व नशे के दुष्प्रभाव को कम करने में मदद करती है ।
(6) इसमें वसा, कोलेस्ट्रॉल व कैलोरी कम होने के कारण यह वजन कम करने तथा हृदयरोग व मधुमेह (diabetes) में लाभदायी है ।
(7) पेट के कीड़े नष्ट करने के लिए तोरई की सब्जी नियमित खायें अथवा तोरई को पानी में उबालकर सूप बनायें व उसमें नमक मिला के दिन में दो बार लें ।
सावधानी : पेचिश, मंदाग्नि, बार-बार मल-प्रवृत्ति की समस्या में तोरई का सेवन नहीं करना चाहिए । पुरानी व सख्त तोरई नहीं खानी चाहिए ।x
अगर हिंदू धर्म बुरा है
(1) तो क्यो
"नासा-के-वैज्ञानीको"
ने माना की
सूरज
से
""
" ॐ "
" "
की आवाज निकलती है?
(2) क्यो 'अमेरिका' ने
"भारतीय - देशी - गौमुत्र" पर
4 Patent लिया ,
व,
कैंसर और दूसरी बिमारियो के
लिये दवाईया बना रहा है ?
जबकी हम
" गौमुत्र "
का महत्व
हजारो साल पहले से जानते है,
(3) क्यो अमेरिका के
'सेटन-हाल-यूनिवर्सिटी' मे
"गीता"
पढाई जा रही है?
(4) क्यो इस्लामिक देश 'इंडोनेशिया'. के Aeroplane का नाम
"भगवान नारायण के वाहन गरुड" के नाम पर "Garuda Indonesia" है, जिसमे garuda का symbol भी है?
(5) क्यो इंडोनेशिया के
रुपए पर
"भगवान गणेश"
की फोटो है?
(6) क्यो 'बराक-ओबामा' हमेशा अपनी जेब मे
"हनुमान-जी"
की फोटो रखते है?
(7) क्यो आज
पूरी दुनिया
"योग-प्राणायाम"
की दिवानी है?
(8) क्यो भारतीय-हिंदू-वैज्ञानीको"
ने
' हजारो साल पहले ही '
बता दिया की
धरती गोल है ?
(9) क्यो जर्मनी के Aeroplane का
संस्कृत-नाम
"Luft-hansa"
है ?
(10) क्यो हिंदुओ के नाम पर 'अफगानिस्थान' के पर्वत का नाम
"हिंदूकुश" है?
(11) क्यो हिंदुओ के नाम पर
हिंदी भाषा,
हिन्दुस्तान,
हिंद महासागर
ये सभी नाम है?
(12) क्यो 'वियतनाम देश' मे
"Visnu-भगवान" की
4000-साल पुरानी मूर्ति पाई
गई?
(13) क्यो अमेरिकी-वैज्ञानीक
Haward ने,
शोध के बाद माना -
की
"गायत्री मंत्र मे " 110000 freq "
के कंपन है?
(15) अगर हिंदू-धर्म मे
"यज्ञ"
करना
अंधविश्वास है,
तो ,
क्यो 'भोपाल-गैस-कांड' मे,
जो "कुशवाह-परिवार" एकमात्र बचा,
जो उस समय यज्ञ कर रहा था,
(16) 'गोबर-पर-घी जलाने से'
"१०-लाख-टन आक्सीजन गैस"
बनती है,
(17) क्यो "Julia Roberts"
(American actress and producer)
ने हिंदू-धर्म
अपनाया और
वो हर रोज
"मंदिर"
जाती है,
(18)
अगर
"रामायण"
झूठा है,
तो क्यो दुनियाभर मे केवल
"राम-सेतू"
के ही पत्थर आज भी तैरते है?
(19) अगर "महाभारत" झूठा है,
तो क्यो भीम के पुत्र ,
''घटोत्कच''
का विशालकाय कंकाल,
वर्ष 2007 में
'नेशनल-जिओग्राफी' की टीम ने,
'भारतीय-सेना की सहायता से'
उत्तर-भारत के इलाके में खोजा?
(20) क्यो अमेरिका के सैनिकों को,
अफगानिस्तान (कंधार) की एक
गुफा में ,
5000 साल पहले का,
महाभारत-के-समय-का
"विमान"
मिला है?
ये जानकारिया आप खुद google मे search कर
सकते है . .....
Plz aapke sabhi group me send kare plz
हनुमान चालीसा में एक श्लोक है:-
जुग (युग) सहस्त्र जोजन (योजन) पर भानु |
लील्यो ताहि मधुर फल जानू ||
अर्थात हनुमानजी ने
एक युग सहस्त्र योजन दूरी पर
स्थित भानु अर्थात सूर्य को
मीठा फल समझ के खा लिया था |
1 युग = 12000 वर्ष
1 सहस्त्र = 1000
1 योजन = 8 मील
युग x सहस्त्र x योजन = पर भानु
12000 x 1000 x 8 मील = 96000000 मील
1 मील = 1.6 किमी
96000000 x 1.6 = 1536000000 किमी
अर्थात हनुमान चालीसा के अनुसार
सूर्य पृथ्वी से 1536000000 किमी की दूरी पर है |
NASA के अनुसार भी सूर्य पृथ्वी से बिलकुल इतनी ही दूरी पर है|
इससे पता चलता है की हमारा पौराणिक साहित्य कितना सटीक एवं वैज्ञानिक है ,
इसके बावजूद इनको बहुत कम महत्व दिया जाता है |
.
भारत के प्राचीन साहित्य की सत्यता
भारतीय मनोविज्ञान कितना यथार्थ !
पाश्चात्य मनोवैज्ञानिक डॉ. सिग्मंड फ्रायड स्वयं कई शारीरिक और मानसिक रोगों से ग्रस्त था। 'कोकीन' नाम की नशीली दवा का वो व...